यह कहानी मेरी दीदी की है, दरअसल दीदी और मैं, Meri sexy didi ki rasili gulabi pyasi bur dost ne mast chuda kahani. हम दोनों अकेले
ही हैं पापा और मम्मी हमारे बचपन में गुजर गये तो मुझे बचपन में ही जॉब
करनी पड़ी और मेरी दीदी ने पढ़ाई की, अब वो कॉलेज जाने लगी।
मेरी दीदी का नाम है सलोनी अब वो 19 साल की हो गई है, अब वो देखने
में एकदम कड़क माल लगने लगी, उसको देखते ही किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाता,
उसकी जवानी अब बिल्कुल उफान पर है, माँ बाप ना होने के
कारण उसको कोई बोलने वाला नहीं था तो हम दोनों ही अपनी मर्ज़ी की लाइफ जी रहे हैं।
मेरे खुद का दोस्तों का गैंग था कुल मिलकर 6 दोस्त हैं मेरे, वे मेरे घर में आते जाते रहते हैं, सलोनी की भी अब उनसे दोस्ती हो गई है।
मेरे दोस्त बड़े कमीने हैं, यह बात मैं जानता था, धीरे धीरे उनकी संगत में सलोनी भी उनकी कंपनी एन्जॉय करने लगी, अब वो भी ड्रिंक करने लगी।
अब जब मैं घर पर नहीं होता तब भी मेरे सब दोस्त घर आने लगे थे।
बात उस दिन की है जिस दिन हम दोनों घर पर थे, मैं सोया हुआ था, मेरे दोस्त आए, दीदी ने उठकर उनका स्वागत किया, वो सब हॉल में बैठ गये और सलोनी नहाने चली गई।
मैं नींद से जाग चुका था, बस सोने की एक्टिंग कर रहा था, अब मैं उनकी बातें सुन रहा था।
अमर- यार, इस सलोनी ने पागल बना रखा है! कबसे इसको चोदने के लिए मेरा लंड तड़फ रहा है!
‘तेरे अकेला का नहीं, हम सबका भी लौड़ा तड़प रहा है सलोनी को चोदने को ! वो तो बस अपने दोस्त की बहन है इसलिये आज तक कुछ नहीं किया… वरना अब तक इसकी चूत का भुर्ता बना दिया होता!
‘सब मिलकर यार कुछ करके चोद देते हैं ना इसको राजदेव को बिना पता चले…’
‘नहीं यार, हमारी दोस्त की बहन है…!’ विजय बोला।
अमर- तो क्या हुआ? कभी ना कभी चुदा ही लेगी ना किसी ना किसी से! कोई और चोद दे सलोनी को तो हम ही चोद दें तो क्या बुराई है?
विजय- बात तो तूने एकदम सही की, इसको देख कर मेरा लंड भी पानी छोड़ देता है, कुछ तो काम करना पड़ेगा सलोनी दीदी का!
तभी दीदी बाथरूम से नहा कर आई तो मेरे सब कमीने दोस्त उसे वासना भरी नज़रों से घूर रहे थे, उसने अपने नंगे बदन पर सिर्फ़ तौलिया लपेटा हुआ था, तो उसमें उसका आधा शरीर बिल्कुल साफ दिख रहा था।
तभी अमर ने कहा- सलोनी, क्या दिख रही हो यार !
सलोनी मुस्कुराने लगी और अपने रूम में जाने लगी, तभी विजय ने उसके पास जाते हुए उसके तरफ रबड़ की एक छिपकली फेंक दी और चिल्लाया- छिपकली!
सलोनी तो डर गई और हड़बड़ाहट में उसका तौलिया नीचे गिर गया, सलोनी पूरी नंगी मेरे दोस्तों के सामने थी।
सब हँसने लगे, उनको तो जैसे बोनस ही मिल गया हो!
सलोनी ने अंदर कुछ नहीं पहना था और विजय ने झट से तौलिया उठा लिया था और सबके सामने नंगी खड़ी सलोनी तौलिया मांग रही थी और अपनी चूत को अपने हाथों से छुपाने ने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
तब विजय ने कहा- तुम हॉल में आकर अपना तौलिया ले जाओ!
विजय हाल की तरफ़ जाते हुए बोला।
तो सलोनी हॉल में आ गई, उसके पीछे पीछे सब दोस्त हाल में आ गये।
विजय अब भी वो उसे तौलिया नहीं दे रहा था।
अब मेरे एक दोस्त ने अपना मोबाईल ऑन करके दीदी का वीडियो बनाने लगा। सलोनी उस पर चिल्लाई पर वो कहाँ सुनने वाला था।
तब उसने कहा- ये सब बंद कर दो, वरना में भाई को उठा दूंगी!
तब मोबाइल वाले दोस्त ने कहा- ठीक है, तो फिर तेरा भाई भी देख लेगा।
तो विजय ने कहा- ठीक है, पहले तू हमारी एक शर्त पूरी कर!
‘ठीक है बताओ?’
‘हम सबको एक एक चुम्मी दे दो!’
तो सलोनी ने बिना कुछ सोचे हाँ कह दी।
अब सब कमीने दोस्त खुश हो गये और सलोनी की ओर टूट पड़े।
तब सलोनी ने कहा- क्या कर रहे हो? एक एक करके लो ना!
पहले विजय ने उसे होंठों पर चुम्बन किया फ़िर अमर तो सीधे उसकी चूत को चूमने लगा, उसको सलोनी ने रोका तो उसने कहा- कहाँ की चुम्मी लेंगे, यह तो तय नहीं किया था!
और उसने सलोनी की चूत को मुँह लगाया और चाटने लगा।
धीरे धीरे सलोनी को मज़ा आने लगा था, अब उसकी सांसें तेज़ होने लगी थी, उसकी मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी थी, अब उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी।
इस बीच बाकी के पांच भी उसको सहलाने लगे, दो ने उसके दो स्तन अपने कब्जे में कर लिए थे, एक उसके होंठो को चूस रहा था।
अब सलोनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, मेरी सगी दीदी की आँखें अब बंद हो चुकी थी, उसके मुख से बस सिसकातियां निकल रही थी ‘आह.. ऊह…’
अब वो भी किसी का विरोध नहीं कर रही थी, मेरे 6 दोस्त सब उस पर टूट पड़े थे, सब उसको जगह जगह चूम रहे थे, अमर उसकी चूत चाट रहा था, विजय उसके होंठों को चूमे जा रहा था, संतोष और पप्पू उसके दोनों चूचों के पीछे पड़े थे, मधुर और राहुल उसके चूतड़ दबा रहे थे।
अब सब पूरी मस्ती में आ चुके थे, मेरी दीदी की बुर ने पानी छोड़ना चालू कर दिया था, अमर ने सारा पानी चाट लिया और उसकी चूत को चाट कर साफ कर दी।
अब दीदी ने अपनी आँखें खोली और उसे लगने लगा कि वो कुछ गलत कर रही है, वो झट से उठ गई, तौलिया उठाया और मोबाइल भी उठा लिया और अंदर भागने लगी।
तभी मधुर ने उसे पकड़ा और बोला- अब तुझे चोदे बिना नहीं छोड़ सकते!
तभी सलोनी ने मुझे आवाज दी तो मधुर ने उसे छोड़ दिया और वो अंदर चली गई।
मेरे सारे दोस्त बस अफ़सोस करते रह गये।
अब मैं जागने का नाटक करते हुए हॉल में आ गया, मुझे वो सारे गुस्से से देख रहे थे- राज, तेरी नींद पूरी हो गई?
अमर ने कहा।
‘हाँ यार, हो गई! तुम कब आए?’
‘अभी अभी आये हैं।’
‘चाय नाश्ता हो गया?’
‘अभी कहाँ!’
तभी सलोनी बाहर आ गई, उसने स्कर्ट और शार्ट टॉप पहना हुआ था, सलोनी ने कहा- भाई, मैं कॉलेज जा रही हूँ, नाश्ता बनाकर रखा है, खा लेना!
मैंने कहा- ठीक है।
अब मैंने अपने दोस्तों की तरफ देखा, सब सलोनी खा जाने वाली नज़रों से देख रहे थे।
सलोनी मुस्कुराती हुई सबको बाय करके चली गई।
अब सब नार्मल थे तो अमर ने कहा- चलो, ताश खेलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन आज एक शर्त लगा कर खेलते हैं।
मैंने पूछा- क्या शर्त है?
उसने कहा- हारने वाले को जीतने वाले की बात माननी होगी, चाहे वो कोई भी हो!
मैंने हाँ कह दिया, तब सब खुश होने लगे।
अब ताश चालू हो गया, तभी संतोष ने कहा- राज, तेरी बहन बहुत मॉडर्न बन कर रहती है, तुझे डर नहीं लगता?
तो मैंने कहा- किस बात का?
‘तेरी बहन का कोई बोयफ़्रेंड वगैरा?’
‘इसमें क्या डर? वो उसकी लाइफ, वो उसके हिसाब से जिएगी!’
पप्पू ने कहा- अगर किसी ने चोद दिया तो?
तो मैंने कह दिया- तो चोद दिया, उसमें कौन सी बड़ी बात है? उसकी जिंदगी है?
मेरा यह जवाब सुनते ही सब खुल कर बोलने लगे थे, तभी गेम खत्म हो गई और मैं हार गया, वो सब खुश हो गये और बोले- खेल की शर्त याद है?
‘हाँ, याद है, बोलो क्या करना है?’
तभी मधुर बोला- यार, तेरी बहन बड़ी सेक्सी है, उसको देखते ही हमारे लण्ड खड़े हो जाते हैं, हम बस उसे चोदना चाहते हैं, बस तेरी परमिशन चाहिए!
तो मैंने कहा- ठीक है, लेकिन एक शर्त है, उसकी मर्ज़ी के बिना नहीं चोदोगे!
सबने कहा- ठीक है।
और सब खुश हो गए।
मैंने कहा- जब उसे चोदोगे तो उसका वीडियो जरूर बनाना… मुझे भी देखना है कि कैसे चोदते हो मेरी बहन को ! और जम के चोदना… मैं भी उसकी चूत चुदते हुए देखना चाहता हूँ, बहुत गांड मटकाते हुए चलती है बहन की लौड़ी… उसकी सारी गर्मी निकाल देना!
सब हँसने लगे और प्लान बनाने लगे।
सबने मुझसे कहा- दो दिन के लिए तू कहीं बाहर चला जा!
मैंने भी हाँ कहा- कल ही सलोनी का जन्मदिन है तो कल ही में चला जाऊँगा।
अब दोपहर का एक बज चुका था, तब तक सलोनी आ चुकी थी तो सब उसको देख मुस्कुरा रहे थे।
सलोनी ने भी सबको हाय किया और स्माइल दी, उसने स्कर्ट पहनी हुई थी और टॉप जो उसके मोटे मम्मे छुपा रहा था।
मैंने सलोनी से कहा- चाय बना कर लाओ!
वो किचन में चाय बना रही थी, तभी राहुल उठ कर किचन चला गया, अंदर जाते ही उसने सलोनी को दबोच लिया उसके पीछे संतोष भी अंदर गया।
राहुल ने सलोनी का मुँह बंद कर दिया और उसके मम्मे दबाने लगा संतोष ने उसकी स्कर्ट नीचे करते ही मेरी बहन की चूत को थोड़ा सहलाया और कोई क्रीम निकाली और पूरी की पूरी सलोनी की चूत में डाल दी और सलोनी को छोड़ दिया।
उसके बाद वो दोनों बाहर आ गए। सलोनी ने अपने कपड़े ठीक किये और उसे कुछ समझ नहीं आया था कि इन्होंने कौन सी क्रीम चूत में लगाई थी पर उसके लगते ही उसकी चूत में आग सी लग गई थी।
सबको उसने चाय दी और और बैठ गई।
तभी मैंने कहा सलोनी से- मैं दो दिन के लिए काम से बाहर जा रहा हूँ, तो दो दिन के लिए ये सब तुम्हारा ख्याल रखेंगे।
तो उसने भी कहा- ठीक है।
इसके बाद सब दोस्त यह कह कर चले गए कि हम सब कल सुबह आयेंगे।
इस तरह मैंने अपनी सगी बहन को अपने यारों के हवाले कर दिया।
उसके बाद मुझे किसी ने, ना दोस्तों ने और ना सलोनी ने, कुछ नहीं बताया कि क्या हुआ!
लेकिन यह तो निश्चित है कि मेरे छः दोस्तों ने मेरी दीदी की चूत खूब मारी होगी।
जिस दिन किसी ने कुछ बता दिया, उस दिन आगे की कहानी भी लिख दूँगा।
Desi xxx chudai kahani pathok meri kamuk didi ki bur chudai kahani pe comment vejo please.
![]() |
Didi ki rasili bur dost ne choda hindi story |
कारण उसको कोई बोलने वाला नहीं था तो हम दोनों ही अपनी मर्ज़ी की लाइफ जी रहे हैं।
मेरे खुद का दोस्तों का गैंग था कुल मिलकर 6 दोस्त हैं मेरे, वे मेरे घर में आते जाते रहते हैं, सलोनी की भी अब उनसे दोस्ती हो गई है।
मेरे दोस्त बड़े कमीने हैं, यह बात मैं जानता था, धीरे धीरे उनकी संगत में सलोनी भी उनकी कंपनी एन्जॉय करने लगी, अब वो भी ड्रिंक करने लगी।
अब जब मैं घर पर नहीं होता तब भी मेरे सब दोस्त घर आने लगे थे।
बात उस दिन की है जिस दिन हम दोनों घर पर थे, मैं सोया हुआ था, मेरे दोस्त आए, दीदी ने उठकर उनका स्वागत किया, वो सब हॉल में बैठ गये और सलोनी नहाने चली गई।
मैं नींद से जाग चुका था, बस सोने की एक्टिंग कर रहा था, अब मैं उनकी बातें सुन रहा था।
अमर- यार, इस सलोनी ने पागल बना रखा है! कबसे इसको चोदने के लिए मेरा लंड तड़फ रहा है!
‘तेरे अकेला का नहीं, हम सबका भी लौड़ा तड़प रहा है सलोनी को चोदने को ! वो तो बस अपने दोस्त की बहन है इसलिये आज तक कुछ नहीं किया… वरना अब तक इसकी चूत का भुर्ता बना दिया होता!
‘सब मिलकर यार कुछ करके चोद देते हैं ना इसको राजदेव को बिना पता चले…’
‘नहीं यार, हमारी दोस्त की बहन है…!’ विजय बोला।
अमर- तो क्या हुआ? कभी ना कभी चुदा ही लेगी ना किसी ना किसी से! कोई और चोद दे सलोनी को तो हम ही चोद दें तो क्या बुराई है?
विजय- बात तो तूने एकदम सही की, इसको देख कर मेरा लंड भी पानी छोड़ देता है, कुछ तो काम करना पड़ेगा सलोनी दीदी का!
तभी दीदी बाथरूम से नहा कर आई तो मेरे सब कमीने दोस्त उसे वासना भरी नज़रों से घूर रहे थे, उसने अपने नंगे बदन पर सिर्फ़ तौलिया लपेटा हुआ था, तो उसमें उसका आधा शरीर बिल्कुल साफ दिख रहा था।
तभी अमर ने कहा- सलोनी, क्या दिख रही हो यार !
सलोनी मुस्कुराने लगी और अपने रूम में जाने लगी, तभी विजय ने उसके पास जाते हुए उसके तरफ रबड़ की एक छिपकली फेंक दी और चिल्लाया- छिपकली!
सलोनी तो डर गई और हड़बड़ाहट में उसका तौलिया नीचे गिर गया, सलोनी पूरी नंगी मेरे दोस्तों के सामने थी।
सब हँसने लगे, उनको तो जैसे बोनस ही मिल गया हो!
सलोनी ने अंदर कुछ नहीं पहना था और विजय ने झट से तौलिया उठा लिया था और सबके सामने नंगी खड़ी सलोनी तौलिया मांग रही थी और अपनी चूत को अपने हाथों से छुपाने ने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
तब विजय ने कहा- तुम हॉल में आकर अपना तौलिया ले जाओ!
विजय हाल की तरफ़ जाते हुए बोला।
तो सलोनी हॉल में आ गई, उसके पीछे पीछे सब दोस्त हाल में आ गये।
विजय अब भी वो उसे तौलिया नहीं दे रहा था।
अब मेरे एक दोस्त ने अपना मोबाईल ऑन करके दीदी का वीडियो बनाने लगा। सलोनी उस पर चिल्लाई पर वो कहाँ सुनने वाला था।
तब उसने कहा- ये सब बंद कर दो, वरना में भाई को उठा दूंगी!
तब मोबाइल वाले दोस्त ने कहा- ठीक है, तो फिर तेरा भाई भी देख लेगा।
तो विजय ने कहा- ठीक है, पहले तू हमारी एक शर्त पूरी कर!
‘ठीक है बताओ?’
‘हम सबको एक एक चुम्मी दे दो!’
तो सलोनी ने बिना कुछ सोचे हाँ कह दी।
अब सब कमीने दोस्त खुश हो गये और सलोनी की ओर टूट पड़े।
तब सलोनी ने कहा- क्या कर रहे हो? एक एक करके लो ना!
पहले विजय ने उसे होंठों पर चुम्बन किया फ़िर अमर तो सीधे उसकी चूत को चूमने लगा, उसको सलोनी ने रोका तो उसने कहा- कहाँ की चुम्मी लेंगे, यह तो तय नहीं किया था!
और उसने सलोनी की चूत को मुँह लगाया और चाटने लगा।
धीरे धीरे सलोनी को मज़ा आने लगा था, अब उसकी सांसें तेज़ होने लगी थी, उसकी मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी थी, अब उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी।
इस बीच बाकी के पांच भी उसको सहलाने लगे, दो ने उसके दो स्तन अपने कब्जे में कर लिए थे, एक उसके होंठो को चूस रहा था।
अब सलोनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, मेरी सगी दीदी की आँखें अब बंद हो चुकी थी, उसके मुख से बस सिसकातियां निकल रही थी ‘आह.. ऊह…’
अब वो भी किसी का विरोध नहीं कर रही थी, मेरे 6 दोस्त सब उस पर टूट पड़े थे, सब उसको जगह जगह चूम रहे थे, अमर उसकी चूत चाट रहा था, विजय उसके होंठों को चूमे जा रहा था, संतोष और पप्पू उसके दोनों चूचों के पीछे पड़े थे, मधुर और राहुल उसके चूतड़ दबा रहे थे।
अब सब पूरी मस्ती में आ चुके थे, मेरी दीदी की बुर ने पानी छोड़ना चालू कर दिया था, अमर ने सारा पानी चाट लिया और उसकी चूत को चाट कर साफ कर दी।
अब दीदी ने अपनी आँखें खोली और उसे लगने लगा कि वो कुछ गलत कर रही है, वो झट से उठ गई, तौलिया उठाया और मोबाइल भी उठा लिया और अंदर भागने लगी।
तभी मधुर ने उसे पकड़ा और बोला- अब तुझे चोदे बिना नहीं छोड़ सकते!
तभी सलोनी ने मुझे आवाज दी तो मधुर ने उसे छोड़ दिया और वो अंदर चली गई।
मेरे सारे दोस्त बस अफ़सोस करते रह गये।
अब मैं जागने का नाटक करते हुए हॉल में आ गया, मुझे वो सारे गुस्से से देख रहे थे- राज, तेरी नींद पूरी हो गई?
अमर ने कहा।
‘हाँ यार, हो गई! तुम कब आए?’
‘अभी अभी आये हैं।’
‘चाय नाश्ता हो गया?’
‘अभी कहाँ!’
तभी सलोनी बाहर आ गई, उसने स्कर्ट और शार्ट टॉप पहना हुआ था, सलोनी ने कहा- भाई, मैं कॉलेज जा रही हूँ, नाश्ता बनाकर रखा है, खा लेना!
मैंने कहा- ठीक है।
अब मैंने अपने दोस्तों की तरफ देखा, सब सलोनी खा जाने वाली नज़रों से देख रहे थे।
सलोनी मुस्कुराती हुई सबको बाय करके चली गई।
अब सब नार्मल थे तो अमर ने कहा- चलो, ताश खेलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन आज एक शर्त लगा कर खेलते हैं।
मैंने पूछा- क्या शर्त है?
उसने कहा- हारने वाले को जीतने वाले की बात माननी होगी, चाहे वो कोई भी हो!
मैंने हाँ कह दिया, तब सब खुश होने लगे।
अब ताश चालू हो गया, तभी संतोष ने कहा- राज, तेरी बहन बहुत मॉडर्न बन कर रहती है, तुझे डर नहीं लगता?
तो मैंने कहा- किस बात का?
‘तेरी बहन का कोई बोयफ़्रेंड वगैरा?’
‘इसमें क्या डर? वो उसकी लाइफ, वो उसके हिसाब से जिएगी!’
पप्पू ने कहा- अगर किसी ने चोद दिया तो?
तो मैंने कह दिया- तो चोद दिया, उसमें कौन सी बड़ी बात है? उसकी जिंदगी है?
मेरा यह जवाब सुनते ही सब खुल कर बोलने लगे थे, तभी गेम खत्म हो गई और मैं हार गया, वो सब खुश हो गये और बोले- खेल की शर्त याद है?
‘हाँ, याद है, बोलो क्या करना है?’
तभी मधुर बोला- यार, तेरी बहन बड़ी सेक्सी है, उसको देखते ही हमारे लण्ड खड़े हो जाते हैं, हम बस उसे चोदना चाहते हैं, बस तेरी परमिशन चाहिए!
तो मैंने कहा- ठीक है, लेकिन एक शर्त है, उसकी मर्ज़ी के बिना नहीं चोदोगे!
सबने कहा- ठीक है।
और सब खुश हो गए।
मैंने कहा- जब उसे चोदोगे तो उसका वीडियो जरूर बनाना… मुझे भी देखना है कि कैसे चोदते हो मेरी बहन को ! और जम के चोदना… मैं भी उसकी चूत चुदते हुए देखना चाहता हूँ, बहुत गांड मटकाते हुए चलती है बहन की लौड़ी… उसकी सारी गर्मी निकाल देना!
सब हँसने लगे और प्लान बनाने लगे।
सबने मुझसे कहा- दो दिन के लिए तू कहीं बाहर चला जा!
मैंने भी हाँ कहा- कल ही सलोनी का जन्मदिन है तो कल ही में चला जाऊँगा।
अब दोपहर का एक बज चुका था, तब तक सलोनी आ चुकी थी तो सब उसको देख मुस्कुरा रहे थे।
सलोनी ने भी सबको हाय किया और स्माइल दी, उसने स्कर्ट पहनी हुई थी और टॉप जो उसके मोटे मम्मे छुपा रहा था।
मैंने सलोनी से कहा- चाय बना कर लाओ!
वो किचन में चाय बना रही थी, तभी राहुल उठ कर किचन चला गया, अंदर जाते ही उसने सलोनी को दबोच लिया उसके पीछे संतोष भी अंदर गया।
राहुल ने सलोनी का मुँह बंद कर दिया और उसके मम्मे दबाने लगा संतोष ने उसकी स्कर्ट नीचे करते ही मेरी बहन की चूत को थोड़ा सहलाया और कोई क्रीम निकाली और पूरी की पूरी सलोनी की चूत में डाल दी और सलोनी को छोड़ दिया।
उसके बाद वो दोनों बाहर आ गए। सलोनी ने अपने कपड़े ठीक किये और उसे कुछ समझ नहीं आया था कि इन्होंने कौन सी क्रीम चूत में लगाई थी पर उसके लगते ही उसकी चूत में आग सी लग गई थी।
सबको उसने चाय दी और और बैठ गई।
तभी मैंने कहा सलोनी से- मैं दो दिन के लिए काम से बाहर जा रहा हूँ, तो दो दिन के लिए ये सब तुम्हारा ख्याल रखेंगे।
तो उसने भी कहा- ठीक है।
इसके बाद सब दोस्त यह कह कर चले गए कि हम सब कल सुबह आयेंगे।
इस तरह मैंने अपनी सगी बहन को अपने यारों के हवाले कर दिया।
उसके बाद मुझे किसी ने, ना दोस्तों ने और ना सलोनी ने, कुछ नहीं बताया कि क्या हुआ!
लेकिन यह तो निश्चित है कि मेरे छः दोस्तों ने मेरी दीदी की चूत खूब मारी होगी।
जिस दिन किसी ने कुछ बता दिया, उस दिन आगे की कहानी भी लिख दूँगा।
Desi xxx chudai kahani pathok meri kamuk didi ki bur chudai kahani pe comment vejo please.
Koi To Meri Chut Ki Pyaas Bujhaye
ReplyDeleteSabita Bhabhi Ne Apna Blouse Khola
Reema Bhabhi Ne Apne Dewar Se Gaand Marwayi Full Story
Anoop Ne Apne Behan ko Train Me Choda
Jija Ne Apne Shali Ko Khub Choda
Pooja ne Apne Bhai Se Gaand Marwayi
Rishi Ne Apne Mummy Ko Blackmail Karke Choda